Tuesday 14 May 2019

भारतीय इतिहास

१:सिंधु सभ्यता सिंधु घाटी की सभ्यता हड़प्पा सभ्यता तीनों शब्दों का एक ही अर्थ है सिंधु सभ्यता का भौगोलिक विस्तार था बलूचिस्तान उत्तर पश्चिम सीमांत सिंध पश्चिमी पंजाब बहावलपुर राजस्थान हरियाणा पूर्वी पंजाब गंगा यमुना दोआब जम्मू गुजरात और उत्तरी अफगानिस्तान।
२: सिंधु सभ्यता के कुल स्थलों की संख्या लगभग 1500 तक पहुंच गई है सिंधु सभ्यता के क्षेत्र का आकार त्रिभुजाकार था सिंधु सभ्यता की नगर योजना के अंतर्गत मोहनजोदड़ो हड़प्पा चन्हूदरो कालीबंगा लोथल सुरकोटड़ा बनावली प्रमुख थे मोहनजोदड़ो के मकान प्राय पक्की ईंटों के बने थे कहीं कहीं दो मंजिले मकान भी पाए गए हैं मकान का प्रवेश द्वार साधारणतय साथ वाली सड़कों पर खुलता था।
३: चन्हूदड़ो से मनके बनाने का कारखाना मिला है कालीबंगा से हवन कुंड का सबूत मिलता है यहां पश्चिम में कब्रिस्तान भी मिला है यहां के घर कच्ची ईंटों के बने थे जल निकास प्रणाली नहीं थी जबकि मोहनजोदड़ो में जल निकाल की अच्छी व्यवस्था थी।
४: लोथल के पूर्वी खंड में तालाब जैसा एक घेरा मिला है कुछ विद्वान इसको गोदी बाड़ा के रूप में देखते हैं लोथल से अभी तक 6 फसलें पहचानी गई है चावल जों की दो किसमें
गेहूं की तीन किस्में कपास खजूर तथा तरबूज मटर आदि।
५: सिंधु सभ्यता की लिपि चित्रात्मक थी तथा 400  चिन्ह ज्ञात है। मोहन जोदड़ो और हड़प्पा सिंधु साम्राज्य की दो राजधानियां थी लोग भूत प्रेत जादू टोना में विश्वास करते थे यहां से 200 मोहरे अभी तक प्राप्त हुई है।
६: समाज की परंपरागत इकाई परिवार था परिवार मातृसत्तात्मक लगता है पुजारी ज्योतिषी जादूगर बैद आदि उच्च वर्गीय श्रेणी में आते थे स्त्री और पुरुष दोनों पगड़ी पहनते थे हड़प्पा से एक बोतल में काले रंग की वस्तु संभवत काजल मिला है सिंधु सभ्यता के लोग आभूषण के प्रेमी थे मछली पकड़ना शिकार करना पाशा खेलना आदि उनके मनोरंजन के साधन थे।
७:  तांबा राजस्थान के खेत्री खानों से मंगाया जाता था टीन अफगानिस्तान से आता था सोना चांदी अफगानिस्तान से तथा रत्न दक्षिण भारत से आते थे मोहनजोदड़ो से सूती कपड़े का अवशेष मिला है।

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